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क्षेत्रीय आवश्यकता एवं मांग एवं जनप्रतिनिधियों के सद्भाव, सहयोग के फलस्वरूप उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जनपद के इस प्रथम राजकीय महाविद्यालय की स्थापना स्नातक स्तर पर 12 दिसम्बर 1995 को हुई। संस्थापना सत्र मे 86 छात्राओं से प्रारम्भ इस महाविद्यालय में संस्थापना के समय हिन्दी, अंग्रेजी, राजनीतिशास्त्र, अर्थशास्त्र एवं समाजशास्त्र, इतिहास विषयों में सम्बद्धता प्रदान की गई थी। अपने प्रारम्भिक वर्षों से ही महाविद्यालय अपने निर्दिष्ट मूल्यों की स्थापना के प्रति अग्रसर एवं लक्ष्यों के प्रति गतिमान है। सत्र 2003-04 से गृह-विज्ञान एवं संस्कृत विषयों में स्नातक स्तर पर सम्बद्धता एवं सत्र 2004-05 से हिन्दी ,अंग्रेजी, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र में परास्नातक स्तर की सम्बद्धता, अध्ययन और अध्यापन की व्यवस्था प्रारम्भ हुई। हिन्दी , अर्थशास्त्र विषयों में शिक्षकों के निर्देशन में शोध कार्य करते हुये शोध उपाधियॉ अर्जित की गईं है। इस संस्था का प्रतीक है - धनुष-बाण एवं मत्स्य युगल के साथ निरन्तर गतिशील प्रगति चक्र।‘‘चरैवेति-चरैवेति‘‘ इस संदेश सूत्र को आत्मसात करते हुये महाविद्यालय रातदिन प्रगति पथ पर अग्रसर हो रहा है। सत्र 2014-15 से रूसा के तहत स्वीकृत वाणिज्य संकाय भवन का कार्य पूर्ण होने के उपरान्त सत्र 2021-22 से महाविद्यालय में वाणिज्य संकाय भवन में बी0कॉम0 की कक्षाओं के सम्बद्धता के साथ अध्ययन, अध्यापन का कार्य सुचारू रूप से प्रारम्भ किया जा चुका है। महाविद्यालय क्षेत्रीय जनता एवं युवा पीढ़ी के सपनों को साकार करने के लिये कृत संकल्प है। यह संस्था पूर्ण रूपेण राजकीय होने के कारण जातिवाद, संप्रदायवाद जेसी संर्कीणताओं से रहित इसमें सर्वाधिक जनहित एवं राष्ट्रहित ही श्रेय और प्रेय है।
महाविद्यालय में सुसज्जित पुस्तकालय, वाचनालय है एवं छात्राओं के शारीरिक विकास हेतु शारीरिक शिक्षा विभाग में जिम की सुदृढ़ व्यवस्था है। यह महाविद्यालय सिरसागंज अरॉव रोड पर सिरसागंज से लगभग 1.5 कि0मी0 की दूरी पर नगर के प्रदूषण एवं शोर से पृथक सुरम्य और विशाल परिसर में स्थापित हैं इस भवन में प्रशासनिक और शिक्षण भवन में विस्थापित 24 कक्ष है। जिसमें सुसज्जित कम्प्यूटर लैब, स्मार्ट क्लासेज़, सैमिनार हॉल आदि छात्राओं के सर्वांगीण विकास में सहायक हैं। प्राचार्य, वाहन चालक एवं चौकीदार के आवास भी महाविद्यालय परिसर में स्थापित हैं।